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लेखनी प्रतियोगिता -02-Nov-2022 मुक्तक : आखिरी मुहब्बत

तुम ही मेरा पहला इश्क तुम ही आखिरी मुहब्बत हो 
तुम ही गुल तुम ही गुलशन तुम ही सच्ची इबादत हो 
आंखों में तुम ख्वाबों में तुम दिल की गहराइयों में तुम 
कुदरत की बेजोड़ कृति, हुस्न की गंगा तुम कयामत हो 

श्री हरि 
2.11.22 


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8 Comments

Suryansh

07-Nov-2022 10:16 PM

बेहतरीन

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Abhinav ji

03-Nov-2022 09:37 AM

Very nice👍

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Wahhh बहुत ही खूबसूरत

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